प्राचार्य डॉक्टर रामवीर सिंह के अथक प्रयासों से महाराजा कॉलेज की लाइब्रेरी को डिजिटल बनाने की शुरुआत की जा चुकी है। आज एक कार्यशाला के माध्यम से महाविद्यालय प्राचार्य ने डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की। महाराजा महाविद्यालय की लाइब्रेरी लगभग सवा लाख से अधिक पुस्तकों के साथ शहर के किसी भी महाविद्यालय का सबसे बड़ा पुस्तकालय है, अतः संपूर्ण पुस्तकालय को डिजिटल बनाने का कार्य दो चरणों में किया जाएगा।
पहले चरण में समन्वय "द इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम" के सास आधारित डिजिटल लाइब्रेरी ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर (डीएलआईएमएस) की सहायता से सभी पुस्तकों एवं विद्यार्थियों का ऑनलाइन रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है, जिससे कि विद्यार्थियों को लाइब्रेरी में ऊपर उपलब्ध पुस्तकों की जानकारी डिजिटल रूप से प्रदान की जा सके। इस डिजिटल लाइब्रेरी का पता है: <https://www.samnvya.com/dl/uormcj.php>
दूसरे चरण में पुस्तकों को इस ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से डिजिटल किया जाएगा जिससे विद्यार्थी मोबाइल पर ही पुस्तकों को डाउनलोड करके पढ़ सकेंगे, इसके अलावा सॉफ्टवेयर की सहायता से विद्यार्थी नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, ऑनलाइन पोर्टल स्वयं, और अन्य अंतरराष्ट्रीय लाइब्रेरी के साथ जुड़ सकेंगे और वहां की पुस्तकों को भी पढ़ सकेंगे। इसके लिए कॉलेज स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।
महाविद्यालय प्राचार्य ने बताया कि नये साल की शुरुआत के साथ ही हर विषय के छात्र इस सुविधा का निशुल्क लाभ ले सकगे। इसके लिए छात्रों को सर्वप्रथम लाइब्रेरी जाकर अपना ऑनलाइन अकाउंट एक्टिवेट कराना होगा। जिससे छात्र लाइब्रेरी में पुस्तकों की उपलब्धता, उन्हें जारी करने की स्थिति के बारे में पता लगा सकगे। विद्यार्थी अपने ऑनलाइन अकाउंट से यह भी पता लगा सकेंगे कि उन्होने कितनी किताबें जारी करा रखी है और उन्हें वापस जमा कराने की अंतिम तिथि क्या है। विद्यार्थी अपने मोबाइल से अपने लिए नई नई किताबों को ढूंढ सकेंगे तथा उन्हें ले सकेंगे। हाईटेक डिजिटल पुस्तकालय में इंटरनेट की भी व्यवस्था होगी। टेस्ट बुक, न्यूज पेपर आदि में से जो भी पसंद हो, से देश दुनिया के बारे में जान और पढ़ सकते हैं। इस कदम से छात्र-अध्यापक दोनों में अध्ययन-अध्यापन के प्रति रुचि पैदा होगी तथा विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने में भी बहुत सहायता प्राप्त होगी ।
यह होगी मुख्य सुविधाए / फायदे
अधिग्रहण रिकॉर्ड प्रबंधन
परिग्रहण रिकॉर्ड प्रबंधन
सदस्य रिकॉर्ड प्रबंधन
बार कोड और क्यूआर कोड समर्थन
अतिथि प्रबंधन
सामान्य प्रयोजन पुस्तकालय की आवश्यकता के लिए अनुकूलन
सिस्टम पारदर्शिता, लचीलापन और उपयोगकर्ता मित्रता तथा सही जगह पर और सही समय पर सही जानकारी
पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की ट्रैकिंग और छात्रों को जारी की जाने वाली पुस्तकें तथा छात्रों के बीच लोकप्रिय पुस्तकों की स्तिथि
छात्र लाइब्रेरी में पुस्तकों की उपलब्धता, उन्हें जारी करने की स्थिति के बारे में पता लगा सकगे।
विद्यार्थी यह भी पता लगा सकेंगे कि उन्होने कितनी किताबें जारी करा रखी है और उन्हें वापस जमा कराने की अंतिम तिथि क्या है।
विद्यार्थी अपने मोबाइल से यह पता लगा सकगे कि कौन सी किताब कहां रखी है किस अलमारी में रखी है तथा उन्हें ऑनलाइन जारी करा सकेंगे।
महाविद्यालय की लाइब्रेरी के डिजिटलीकरण का कार्य प्रगति पर है, पन्दरह हजार से भी अधिक पुस्तकों का डाटा समन्वय सॉफ्टवेयर में चढ़ाया जा चुका है और वर्त्तमान विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन भी किया जा चुका है। यह सॉफ्टवेयर प्रयोग में लेने में बहुत ही सरल एवं आसान है हम महाविद्यालय प्राचार्य के इस कदम के लिए के आभारी हैं
मुख्य लाइब्रेरी प्रबंधक प्रभारी
महाराजा कॉलेज की लाइब्रेरी को डिजिटल किया जाना, कॉलेज प्रशासन का उपयोगी कदम है। एक हाईटेक लाइब्रेरी किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान का अभिन्न अंग है, यह कदम विद्यार्थियों की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है, जो विद्यार्थियों को ज्ञान के इस केंद्र में जाने के लिए और अधिक प्रोत्साहित करेगा
उप प्राचार्य, महाराजा कॉलेज, राम अवतार शर्मा